विद्वानों ,पंडितो, ज्योतिषी शास्त्री ओर कर्मकांड विशेषज्ञ ने दी एक्सपर्ट राय बताए मुहूर्त ओर कारण इस दिन मनेगी होली ओर होगा दहन नप भी निकालेगी रंगारंग गेर ,फाग यात्रा होलिका दहन ओर मुहूर्त को लेकर संशय की स्थिति आ रहे मतांतर, को दूर करने का प्रयास

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विद्वानों ,पंडितो, ज्योतिषी शास्त्री ओर कर्मकांड विशेषज्ञ ने दी एक्सपर्ट राय बताए मुहूर्त ओर कारण

इस दिन मनेगी होली ओर होगा दहन नप भी निकालेगी रंगारंग गेर ,फाग यात्रा

होलिका दहन ओर मुहूर्त को लेकर संशय की स्थिति आ रहे मतांतर, को दूर करने का प्रयास

पेटलावद। प्रेम,उत्साह और रंगों का त्योहार होली ,जो की फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला भारत का सबसे पुरातन त्योहार है ,प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नगरवासी इस त्यौहार को मनाने के लिये उत्सुक है, अंचल की परम्परानुसार फाग उत्सव, भगोरिया पर्व की शुरुआत गत सप्ताह से शुरू हो चुकी है , व्ही नगर में लगभग 24 से 26 स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा जिसकी तेयारी भी चल रही है।

नप भी तैयारी कर रही है

 वही नगर परिषद भी हर वर्ष की परंपरा का पालन करते हुए रंगपंचमी गेर यात्रा ,फाग यात्रा नीकलने की तैयारी कर रहीं है। 

नप अध्य्क्ष ललिता योगेश गामड़

         ने बताया की हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नप पारम्परिक तरिके से नगर में गेर ओर फाग यात्रा का आयोजन करेगी जिसमे समस्त नगरवासियों के साथ परिषद इस होली उत्सव को उमंग,उत्साह के साथ मनायेगी

मुहूर्त को लेकर संशय

 लेकिन इन सबके बीच पिछले 2 -3 दिनों से सोशल मीडिया और फेशबुक आदि पर होलिका दहन के दिन ओर मुहूर्त सहित धुलेंडी त्योहार को लेकर चर्चा और पोस्ट का दौर चल रहा है और जिसके चलते नगर में होलिका दहन के दिन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कुछ लोग 06 मार्च सोमवार को होलिका दहन ओर 07 मार्च को धुलेंडी तो कुछ लोग 07 मार्च मंगलवार को दहन ओर 08 मार्च बुधवार को धुलेंडी उत्सव को मनाने कि बात कह रहे है । 

भद्रा के कारण संशय ओर मतांतर

विद्वानों की माने तो यह संशय की स्थिति भद्रा के कारण उत्पन्न हो रही है और भद्रा को समझने के लिए आवश्यक है कि पंचांग के 5 अंगों के विषय में जाने ,

तिथि ,वार ,योग ,नक्षत्र और करण,

इन 5 अंग से पंचांग बनता है,

चंद्रमा की स्थिति वार योग एवं नक्षत्र के आधार पर करण की सूत्रो के आधार पर गणना की जाती है , 11 करण होते हैं से जिसमें विष्टि करण को ही भद्रा कहा गया है।

पुराणों उल्लेखानुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी हठी, घमंडी और विघ्नकारी बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया। भद्रा की स्थिति में कुछ ,पर्व महापर्व एवं शुभकार्यों, यात्रा और व्यापार व्यवसाय उद्योग आदि कार्यों में बाधक व निषेध माना गया किंतु भद्रा काल में तंत्र कार्य, अदालती कार्रवाई में अनुकूल फल देने वाली होती है।

सरकार का नजरिया

अगर इस मामले में सरकार और प्रशासन की बात करे तो सरकार और प्रशासन ने 07 मार्च को होलिका दहन ओर 08 मॉर्च को धुलेंडी का अवकाश घोषित किया है ,वही जिला और तहसिल कोर्टो में भी 07 मॉर्च को कामकाजी ओर 08 मॉर्च को अवकाश दिवस घोषित किया गया है।

विद्वानों से चर्चा और प्रयास

  इस तरह से होलिका दहन को लेकर बन रही संशय की स्थिति में हमने प्रकाण्ड पंडितो,विद्वानों और विशेषज्ञों से चर्चा कर इस संशय को दूर करने का प्रयासभर किया है और उन्होंने जो बताया उसे आप तक पहुचाने का प्रयास है।

विद्वानों की रॉय

1 नगर के श्री विन्देश्वरी ज्योतिष संस्थान के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद ओर विक्रम विश्वविद्यालय से एम. ए. पी. एच .डी. डॉ के के श्रीवास्तव

    ने बताया की सनातन धर्म मे कोई भी व्रतोत्सव सूर्योदय की उदय तिथि से किया जाता है और होलिका दहन पूर्णिमा के दिन होता है इस बार पूर्णिमा सोमवार 06 मार्च को हे इसलिये उदयकाल कि तिथि के अनुसार भद्रा पुछकाल में रात्रि 12 से 01 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है । ओर 07 मार्च धुलेंडी त्योहार मनाया जा सकता है।

2 जगमोती ज्योतिष संस्थान के ज्योतिशविंद सम्राट ओर ज्योतिष मर्मज्ञ डॉ अशोक शर्मा* का मानना है होलिका दहन पूर्णिमा के तिथि को किया जाता है किंतु सोमवार 06 मार्च को शाम 4-30 बजे से भद्रा प्रारम्भ हो रहा है । जो मंगलवार सुबह 5-13 तक रहेगा ।ऐसी स्थिति में उतरा फाल्गुनी नक्षत्र को ग्राह्य करते हुए 07 मार्च मंगलवार को होली स्थापन ओर रात्रि में 08 से 12-41 तक होलिका दहन ओर बुधवार 08 मॉर्च को धुलेंडी उत्सव मनाया जा सकता है । 

3 पंचाग विशेषज्ञ ,ओर महालक्ष्मी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र राजोद , के आचार्य पंडित रमेश पंड्या

  ने बताया की प्रदोषव्यापिनी पुर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है , सोमवार 06 मॉर्च को साय 4-19 से 5-14 तक निषिधोत्तर भद्रा है , मध्यरात्रि पश्चात पुछकाल है। ऐसी स्थिति में सोमवार 06 मॉर्च को रात्रि में होलिका दहन ओर मंगलवार 07 मॉर्च को धुलेंडी उत्सव मनाया जा सकता है ।

4 नगर के जाने माने कथावाचक, पंडित नरेंद्रनन्दन दवे ओर अनुष्ठान विशेषज्ञ पंकज दवे

  ने बताया होलिका दहन के लिये शुभ दिन ओर मुहूर्त सोमवार 06 मॉर्च ही है, जो भद्रा पश्चात शास्त्रनुसार प्रमाणित है । इसलिए 06 मॉर्च होलिका दहन ओर 07 मॉर्च मंगलवार को धुलेंडी उत्सव मनाया जा सकता है ।

5 नगर के विद्वान पण्डित ओर बड़ा रामजी मन्दिर के पुजारी नीलेश सामवेदी

  ने भी होलिका दहन के लिये 06 मॉर्च सोमवार ओर धूलेंडी 07 मॉर्च मंगलवार को मनाना प्रमाणित माना है। क्योकि 07 मॉर्च मंगलवार को तिथि परिवर्तन होजाता है, वही होलिका दहन रात्रि में ही करने का विधान है।

6 नगर के प्रसिद्ध पण्डित व्यंकट त्रिवेदी

    ने बताया कि झाबुआ के प्रसिद्ध चारभुजाजी मन्दिर प्रांगण पर सोमवार 06 मॉर्च शाम को आरती पश्चात होलिका दहन किये जाने की सूचनाएं मिली है वहीं सोमवार 06 मॉर्च को ही होलिका दहन का मुहूर्त है |

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