झाबुआ जिले की सबसे बडी तहसील के दर्जा प्राप्त पेटलावाद को जिले कि आर्थिक और राजनैतिक राजधानी भी माना जाता है।
नवीन भवन बनाने की तैयारी, जमीन की तलाश जारी
अब शासन ने पेटलावाद के तहसील भवन को नवनिर्माण करने के लिये 5.5 करोड़ का ई टेंडर किया है, वहीं स्थानीय प्रशासन नवीन भवन के लिये भूमि की तलाश कर रहा है, सूत्रों की माने तो खोरिया क्षेत्र जहां नवीन एसडीएम भवन बन रहा है , बरडिया , बरवेट रोड सिविल अस्पताल के आसपास की भूमियों का सर्वे किया गया वही उड़ती खबरों के अनुसार कुछ लोग भवन के लिये रायपुरिया क्षेत्र में भी भूमि की तलाश करने की सूचनाये चल रही है। लेकिन अब तक उपयुक्त भूमि तय नही हुई है । ओर राजस्व के कर्मचारी ओर अधिकारी नवीन भवन के लिये जमीन की तलाश ओर सर्वे कर रहे है ।
सोसल मीडिया पर भी उठ रही यही भवन बनाने की मांग
इस खबर के प्रकाशन के बाद लगातार जनता शोशल मीडिया पर इस मुद्दे का समर्थन कर रहे है सोशल मीडिया पर बाबूलाल काग, कमलेश लाला चौधरी, पार्षद गौतम गहलोत, निर्मल व्यास, ओम यादव, अशोक जैन ,विनोद सोलंकी, पीयूष पटवा, निकलेश चौहान, प्रदीप काग रूपगढ़, प्रभात श्रीवास्तव बरड़िया, आकाश पाटीदार बनी, कन्हैयालाल पटेल रामगढ़, आदि ने कमेंट करते हुए सर्वसुविधायुक्त तहसील भवन इसी स्थान पर बनाने कि बात कही।
नगरवासियों ने सोपे ज्ञापन
वही नगर के गणमान्य नागरिकों, दुकानदारो, ओर नगरवासियों ने पहल करते हुए एसडीएम अनिल राठौर को गुरूवार ओर शुक्रवार को अलग अलग ज्ञापन सोपे है ।
ज्ञापन देकर कर रहे मांग
नगर और जनता के हित मे वार्ड 10 के पार्षद संजय चाणोदीया व वरिष्ठ नेता कलसिंह भूरिया ने गुरुवार को अलग दो ज्ञापन सोपे वही । नगरवासीयो ओर व्यापारियों तथा गांधी चोक के दुकानदारों ने भी शुक्रवार को एसडीएम के नाम ज्ञापन सोपते हुए विभिन्न कारण दर्शाते हुए तहसील भवन को पुनः यही बंनाने की मांग की।
इनका है कहना
युवा व्यवसायी, समाजसेवी ओर वार्ड पार्षद संजय चाणोदिया ने बताया कि नवीन भवन के लिये इसी परिषर में पर्याप्त जगह है पुराने जीर्णशीर्ण भवनों को , बन्दीगृह को तोड़कर सर्वसुविधायुक्त तहसील भवन बन सकता है । इस तरह से यदि तहसील भवन के लिये नई भूमि कि तलाश करने की बजाय यदि अधिकारी जनसामान्य की सुविधा, ओर प्रशाशनिक व्यवस्था की आपूर्ति को ध्यान में रखखर इसी भवन को डिसमेंटल कर या इसके आसपास ही नवीन तहसील भवन को बनाने के प्रस्ताव पर विचार करने चाहिये उल्लेखनीय है कि पहले ही अस्पताल नगर से दूर बना है जहाँ तक बीमारो को पहुचने में दिक्कतें आती है ।इसलिए तहसील भवन यही बनना चाहिये।
वरिष्ठ नेता और आदिवासी समाज के हितों की लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ कलसिंह भूरिया उन्नई ने बताया कि दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रो से होने वाले लोगो को एक ही परिसर में सभी कार्यालय होने से समय ओर धन की बचत होती है ,वही राजस्व अभिलेख में पर्याप्त रकबा है , इसलिये तहसील भवन यही बनना चाहिये।
व्यापारी दीपक सेठिया
ने बताया कि तहसील कार्यालय ओर इसके आसपास दूसरे कार्यलयों में सरकारी कामकाज के लिये आने वाले लोगो से हमारी रोजी रोटी चलती है, सेकड़ो लोगो को रोजगार मिलता है हजारों लोगों के भरण पोषण होता है ,सरकार को इन सबका ध्यान रखना चाहिये।
संजय मखोड बामनिया
ने बताया कि दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों ओर बुजुर्गों ओर महिलाओं को एक ही परिसर में सभी कार्यालय होने से सहूलियत होती है , नगर से दूर की बजाय तहसील कार्यालय इसी स्थान पर बनना चाहिये।