स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों के योगदान के विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन ” अनुसूचित जनजाति वीरों को महाविद्यालय ने किया नमन

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दीक्षांत शर्मा जोबट
शासकीय महाविद्यालय जोबट मैं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं देवी अहिल्या
विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आजादी की अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता
संग्राम में जनजाति नायकों के योगदान के विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि श्री खेम सिंह जी जमरा सामाजिक कार्यकर्ता, भीमा
नायक वनांचल सेवा संस्था के प्रदेश सचिव एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ
के जनभागीदारी अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि श्री राजेश डुडवे जिला अध्यक्ष जनजाति विकास
मंच एवं विशेष अतिथि श्री शुभम श्रीवास्तव युवा सेल छात्र प्रतिनिधि तथा श्री नरेंद्र
मंडलोई विधायक प्रतिनिधि एवं श्रीमाखन सिंह जी अंजना सेवा भारती एवं जनजाति क्षेत्र में
निशुल्क शिक्षा के प्रदेश प्रमुख हैं के आतिथ्य में तथा डॉ एस. आर. भूरिया प्राचार्य के
मार्गदर्शन में आयोजित की गई। मुख्य वक्ता श्री खेम सिंह जमरा ने बताया की किस
प्रकार जनजातीय नायकों जैसे रानी दुर्गावती, टंट्या भील, बीरसा मुण्डा, जयपालसिंह
मुण्डा, भीमा नायक ने अपने जीवन का बलिदान करके भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में
विशेष योगदान दिया तथा उन्होनें अपने उद्बोधन में बताया भारतीय स्वतंत्र संग्राम के
जननायक जनजातीय नायकों के साथ अन्याय किया उनके द्वारा त्याग और बलिदान को
भुला दिया। इतिहास की किताब में विदेशी आक्रमणकारियों को महा मंडित कर दिया गया ।
इसका दुखद पहलू यह है कि आज की युवा पीढ़ी इन जननायक ओर से अनभिज्ञ है।
विशिष्ट अतिथि श्री राजेश डुडवे नें टंट्या मामा ने अंग्रेजो के किस प्रकार छक्के छुडाये
के बारे में विस्तार से बताया। विशिष्ट अतिथि श्री शुभम श्रीवास्तव ने छितुसिंह किराड
के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। श्री माखन सिंह अंजना ने रामसेतु का जिक्र किया
माता शबरी के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया की जनजाति पुराने समय से ही
अस्तित्व में है। महाविद्यालय के प्राचार्य श्री एस आर भूरिया ने जनजाति वीरों को राष्ट्रीय
गौरव बताया और इन्हें इतिहास में अंकित करने की बात कही। संगोष्टी के दौरान एक
डाक्यूमेन्ट्री फिल्म दिखाई गयी जिसमें की महान आदिवासीय नायकों का महिमा मण्डन
किया गया। उन्होनें किस प्रकार ब्रिटिश शासन के विरोध में प्राण न्यौछावर करके
स्वतंत्रता संग्राम को सफलता की ओर अग्रसर किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत
डॉ. जी.एल. चौहान, प्रो. प्रदीपसिंह डावर, प्रो. इंगला लोहारिया, श्री प्रभुप्रकाश मोहनिया
ने किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. दीपक डावर ने किया। कार्यक्रम में
अतिथियों का परिचय प्रो आकाश एस्के के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में युवा टोली के
रूप में हुसैन तोमर, हरिश अजनार, कांती बघेल तथा महाविद्यालय के छात्र / छात्राऐं
उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन क्रीडा अधिकारी डॉ
किया गया।
अनुराग
हार्डिया द्वारा

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