@वॉइस ऑफ झाबुआ
जिले भर में कुकुरमुत्तों की तरह सप्लायर पैदा होते जा रहे है…और ये सप्लायर बडी दादागिरी के साथ जिले के कई विभागों में बिना जरूरत वाले सामान भी डाल रहे है अगर कोई विरोध करता है तो अधिकारियों को शिकायत करने की धमकी भी देते है… ऐसे में घटिया किस्म के सामना भी बेचारे कर्मचारियों को लेना ही पडते है… ऐसे ही हालात जिले भर के छात्रावासों के है,कलेक्टर रजनी सिंह को इस मामले में संज्ञान लेते हुए ऐसे सप्लायरों पर लगाम कसने की आवश्यकता है।सप्लायरों की दादागिरी से कौन परेशान नही है… लेकिन डर बस नौकरी का है कहीं नेता नगरी के माध्यम से उन्हे परेशान न किया जाये…ऐसे में रामा ब्लाॅक के अधीक्षकों का निर्णय तारिफे काबिल है कलेक्टर महोदया…आपको भी इस ओर ध्यान देना नितांत आवश्यक है… रामा ब्लाॅक के अधीक्षकों ने एक बैठक का आयोजन किया…बैठक में सभी अधीक्षकों ने अपनी अपनी समस्या एक दुसरे को अवगत करवाई…उन समस्याओं में से एक समस्या यह भी थी कि छात्रों की जरूरत के हिसाब से उन्हे राशि खर्च करनी है ऐसे में कोई भी सप्लायर आकर जिस सामान की जरूरत नही है उस सामान को थोप कर चला जाता है।
क्या है निर्णय अधीक्षकों का
जनजातिय कार्य विभाग जिला झाबुआ विकास खंड रामा अंर्तगत संचालित समस्त छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षक अधीक्षिकाओं की बैठक विकास खंड स्तर पर आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित समस्त अधीक्षकों द्वारा वर्तमान परिदृश्य को द्रष्टिगत रखते हुए सामुहित रूप् से निर्णय लिया गया है कि हमारी संस्था में संस्था व छात्रों की मांग के अनुसार विभाग द्वारा प्रदाय बजट व निर्देषों के अनुरूप ही सामग्री क्रय की कार्रवाही की जावें। यदि कोई बहारी व्यक्ति संस्थाम में मांग नही होने के बावजुद भी जबरजस्ती सामग्री रख जाता है तो इसकी सूचना जिला कार्यालय को दी जाकर भूगतान नही किया जायेगा,उक्त निर्णय सभी अधीक्षकों की सहमती से लिया गया।
ऐसे में कलेक्टर महोदय से निवेदन है कि इस ओर वे भी ध्यान दे और सप्लायरों से परेशान अधीक्षकों को इन सप्लायरों पर लगाम कस निजाद दिलवाये।