जयस टीम झाबुआ ने की राज्यपाल से मुलाकात
झाबुआ
आज जयस ने मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल मगन भाई छगन भाई पटेल को मिलकर ज्ञापन दिया गया जिसमें पांचवी अनुसूची पेशा कानून आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों ने कब्जा कर अपने नाम से कर ली गई एवं आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों ने उनके यहां काम करने वाले लोगों के नाम खरीद रखी झाबुआ अलीराजपुर बड़वानी धार रतलाम जैसे आदिवासी जिलों में पलायन पर रोक लगाने को लेकर एवं झाबुआ जिले में ₹193 दैनिक मजदूरी दी जा रही है उसको बढ़ाया जाए ताकि जिले के आदिवासी भाई बाहर पलायन पर न जाए महामहिम राज्यपाल महोदय से चर्चा करी मिलकर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया संविधान में पांचवी अनुसूची भी शामिल रही लेकिन अनुसूची के अनुसार आदिवासियों को 26 जनवरी 2022 के बाद भी भूमि के अधिकारों से आदिवासियों को वंचित किया गया अतिक्रमण बताया जाकर बार-बार जमीन से बेदखल किया गया आदिवासियों को वन अपराध पंजीबद्ध कर जेल भिजवाया गया बड़ा भूमि एवं दखल रहित भूमि पर व्यापकता के साथ वन विभाग ने कब्जा कर लिया मध्य प्रदेश राजभवन 1950 में संविधान लागू होने के बीते 71 वर्षो में भारतीय संसद और विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून सविधान एवं कानून में किए गए संशोधन को क्रमबद्ध कर भूमि पर अधिकार सोपे जाने की कारवाही से संबंधित नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था नहीं कर पाया मध्य प्रदेश राजभवन संविधान लागू होने के 71 वर्षों में राज्य राजस्व विभाग एवं वन विभाग मिलकर आदिवासी भाइयों ने 50 साल पुरानी कब्जे से बेदखल कर दिया गया है
झाबुआ जिले में अवैध शराब का परिवहन बहुत ज्यादा किया जा रहा है आबकारी विभाग चुप बैठा है इन सभी मुद्दों पर राज्यपाल महोदय से चर्चा की गई जिसमे झाबुआ जिले के जयस के पदाधिकारी उपस्थित रहे जयस जिला अध्यक्ष विजय डामोर, झाबुआ जयस ब्लॉक अध्यक्ष बंटी सिंगार ,जयस जिला उपाध्यक्ष आयुष ओहारी, कल्याणपुरा जयस अध्यक्ष मुकेश गुंडिया ने मिलकर चर्चा करी गेल सर्किट हाउस में
राज्यपाल महोदय ने कहा जल्द से जल्द संज्ञान में लिया जाएगा इन मुद्दों को
जयस ने जो वास्तविक धरातल पर समाज को जरूरत है अपने हक अधिकार की बात कही और अपने अधिकार मांगे