सुना है झकनावदा जैसा एक गांव ऐसा भी है जिस गांव के लोग भक्ति भाव मे हमेशा लीन रहते थे हमेशा धार्मिक आयोजन के लिए यह गांव काफी प्रसिद्ध था पास में ही धार्मिक स्थल भी इस गांव में मौजूद है जहां धर्म की गंगा हमेशा बहती रहती है …ओर जबसे इस मोटे ने अपनी झांकी गांव में जमाने के लिए गांव के युवाओ को भारी भरकम सपने दिखाए ओर उन्हें नशे की जद में लगा दिया युवा लगातार नशे के गर्त में समाते गए और इनके कहने पर अवैध कार्यो को अंजाम देते गए और जी हुजूरी करते गए जिस कारण गांव के युवा रोजगार करते करते बेरोजगार तक होने लगे और युवाओ के माता पिता भी परेशान होने लगे बेचारे माता पिता भी क्या करते लड़के जद में ही ऐसे आ चुके थे….गांव में कुछ भी कार्यक्रम हो मोटा अपनी राजनीति चमकाने आ जाता और सामाजिक कार्यक्रम को बिगाड़ कर चले जाता और समाज को गुमराह भी करता और इतना झूठ बोलता की जिसकी हद नही लोगो ने खूब झूटी वाहवाही सुनी पर सुने भी कितनी मोटा तो इतना दोगला है कि अब गांव की जनता भी समझ चुकी थी और पिछली बार चुनाव में ऐसा हारा की मुह दुखाने लायक नही रहा गांव के समझदार पंचों ने मोटे दारुढ़ियो को ऐसा निपटाया की आज भी मोटा मुह मिट्ठू मिया उनके सामने बनकर रहता है पर टस ऐसे रखता है कि इनको निपटा देगा पर अब उस मोटे को कोंन समझाए की गांव की जनता अब समझ चुकी है धार्मिक जनता अब भड़कने वाली नही है तेरा न लेना न देना फिर क्यो अड़ंगा लगा रिया समाज को …….यर वही मोटा है जिसने कोंग्रेस की सरकार में विधायक साहब को साथ मे रखकर दगा दिया और जमकर मांल कमाया ओर सत्ता गई तो बदल ली पार्टी …..यह मोटा ख्वाब तो बड़े बड़े देखता है पर इस मोटे से होने वाला कुछ नही है ये मोटा सिर्फ फेकता है और फेकता रहेगा ……अब जाते जाते एक ओर बात बोल रिया हु इस मोटे दारुढ़िये को की जितना मांल गरीब जनता का खाया है वो सब वसूल होगा और तेरी अय्यासी का पूरा काला चिट्ठा भी जनता के सामने होगा तूने क्या क्या गुल खिलाए क्या नही सब मालूम है ….तेरी कहा कहा बन्दी है कहा कहा तू थूक कर चाटता है तू क्या जनता की सेवा करेगा अब तेरे गांव की जनता तेरी सेवा करेगी अब जा रिया जय राम जी ।