पुण्यतिथि विशेष आलेख
जनसंघ के संस्थापक सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के पितृपुरुष और एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की आज पुण्यतिथि है। उनके विचारों का स्मरण हर बार एक नई ताजगी, एक नया दृष्टिकोण और नवीनता का अनुभव देता है। वे कहा करते थे- “एक सबल राष्ट्र ही विश्व को योगदान दे सकता है” और आज हम कह सकते हैं कि सबल राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार एक आत्मनिर्भर भारत बनाने लिए निरंतर प्रयासरत है। कोरोनाकाल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा और अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की। आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया।
एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था। जहां भी मानव सेवा का प्रश्न होगा, कल्याण की बात होगी, दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा। अमीर और गरीब के बीच खाई को पाटना व सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना ही उनके विचारों का मूल था। वे एक ऐसे विचारक थे जिन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से भी अपना राष्ट्रवादी चिंतन सबके सामने रखा। उन्होंने देश सेवा और सम्पूर्ण राष्ट्र को वैभवशाली बनाने का जो रोडमैप तैयार किया, उस पर देश आज बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
देश की एकता अखंडता के लिए भी आत्मनिर्भरता की जरूरत पर दीनदयाल जी ने विशेष जोर दिया था। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत को विदेशों से हथियारों के लिए निर्भर रहना पड़ता था। दीनदयाल जी ने कहा था कि- ”हमें सिर्फ अनाज में ही नहीं बल्कि हथियार और विचार के क्षेत्र में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा।” उनके इस विज़न को पूरा करने के लिए भारत आगे बढ़ रहा है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय जी एक ऐसे भविष्यदृष्टा थे जिनके द्वारा बोये गए विचारों व सिद्धांतों के बीज ने देश को एक वैकल्पिक विचारधारा देने का काम किया। उनकी विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए थी और भारत को उसके गौरव पर पुनर्स्थापित करने के लिए थी। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उनकी कुशल संगठन क्षमता के लिए डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि अगर भारत के पास दो दीनदयाल होते तो भारत का राजनैतिक परिदृश्य ही अलग होता।
पं. दीनदयाल जी ने एकात्म मानव दर्शन की एक ऐसी दार्शनिक अवधारणा भारत की राजनीति को देने का काम किया है, जो कि अन्य अवधारणाओं से सर्वथा भिन्न है, और भारत की संस्कृति, भारत की परंपरा एवं भारत की प्रकृति के सर्वथा अनुरूप है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार उनकी ‘अंत्योदय’ की गरीब कल्याण नीति को आगे बढ़ा रहे हैं। जिसमें गरीबों के घरों में गैस का चूल्हा, बिजली, शौचालय, घर, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। देश के विकास और देश की राजनीति, विशेषकर गरीब कल्याण के प्रति दीनदयाल जी के योगदान हमेशा याद किए जायेंगे। उनके विचार, सिद्धांत और देश व समाज के प्रति समर्पित जीवन सदियों तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
आज एक भाजपा कार्यकर्ता के नाते हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने गरीब-कल्याण के अपने अडिग लक्ष्य से पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के दर्शन और अंत्योदय की विचारधारा को साकार कर रही है।
लेखक- वैभव पवार
प्रदेश अध्यक्ष
भारतीय जनता युवा मोर्चा मप्र